विश्व व्यापार संगठन (WTO) | World Trade Organisation क्या है ?

WTO  (World Trade Organisation:- विश्व व्यापार संगठन)

WTO गैट(GATT) की उत्तराधिकारी संस्था है। यह उरुग्वे समझौते का परिणाम है। WTO की स्थापना 1 january 1995 को हुआ । विश्व व्यपार को स्थायी तथा सुव्यवस्थित रूप से चलाने के लिए यह अस्तित्व में आया।इसे कानूनी अधिकार प्राप्त हैं।

        जो समझौते WTO का अंग बन गए है वह स्थायी रूप से धारण कर चुके है। यह सभी देशों पर बाध्य हैं। स्पष्ट है कि अपनी स्थापना काल से ही यह शक्तिशाली संस्था हैं।

 WTO  सुस्थापित नियमानुकूल विश्व व्यापार संगठन है, जिसके निर्णय समयबद्ध होते है। इसके व्यपार के अंतर्गत वस्तु तथा सेवा के व्यापार के साथ बौद्धिक संपत्ति  अधिकार  के व्यापार आदि भी शामिल है। इसकी स्थापना के साथ ही इसे विशाल कायार्लय तथा कर्मचारी वर्ग मिला है ।1998 में इसकी सदस्य 127 तक पहुँच चुकी थी। इसके स्थायी तथा संस्थापक देश में भारत भी शामिल है। WTO का मुख्यालय जेनेवा में है

वर्तमान में विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देश 164 हैं। आखिरी 164 वाँ सदस्य अफगानिस्तान को 29 july 2016 मे चुना गया हैं।

WTO का पहला मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 9-13 december 1996 को सिंगापुर में हुआ।  और WTO का 11 वा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 10-13 December 2017 का आयोजन अर्जेटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ।

WTO के उद्देश्य(Objective of WTO)

  • (¡) जीवन स्तर में वृद्धि करना ,
  • (¡¡) पूर्ण रोजगार तथा प्रभावपूर्ण माँग में वृहत स्तरीय परंतु ठोस वृद्धि करना,
  • (¡¡¡)व्यापार प्रसार तथा वस्तु का उत्पादन तथा सेवा का उत्पादन ,
  • (¡v) विश्व प्रसार संसाधन का अनुकूलतम उपयोग तथा संरक्षण करना,
  • (V) सतत विकाश (sustainable development) की अवधारणा स्वीकार करना ,
  • (Vi) पर्यावरण सुरक्षा पर बल तथा उसका संरक्षण ।

WTO  के कार्य(Function of WTO)

  1. विश्व व्यापार समझौता तथा बहुपक्षीय तथा बहुवचनीय समझौता के कार्यान्वयन, प्रशासन तथा परिचालन के लिये सुविधाये जुटाना,
  2. विवाद के निपटारे हेतु सम्बन्धित नियम तथा प्रक्रिया को प्रशासित करना,
  3. विश्व व्यापार तथा प्रशुल्क मसलो पर विचार हेतु एक मंच प्रदान करना,
  4. वैश्विक आर्थिक नीति निर्माण में अधिक सामंजस्य भाव के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष’  तथा विश्व बैंक में सहयोग करना,
  5.  विश्व संसाधनों का कुशलतम प्रयोग करना ।

 

WTO की उपलब्धि (Achiements of WTO)

  1. वस्तुओं के व्यापार में बहुपक्षीय समझोते (Multilateral Agreements on Trade in Goods)—- वस्तुओं में व्यापार के सामान्य समझौते गैट(GATT) 1994 को परिभाषित करता हैं। इसमें वस्तुओं में व्यापार सम्बन्धी विभिन्न पहलुओं के बारे में सब समझौते शामिल हैं।
  2. ‌कृषि संबंधी समझौते (Agreements on Agriculture) — यह समझौते गैट टेरिफ उपाय के स्थान पर साधारण कस्टम डयूटी लगाकर ,धीरे -धीरे कम की जाएगी ।राष्ट्रीय बाजार को अंतरराष्ट्रीय  बाजार के लिए खोलता हैं।साथ ही सरकारी सहायता कम करके अति उत्पादन को नियंत्रित करता हैं। 
  3. ‌कपड़ा और वस्त्र समझौता(agreement on Textiles and Clothing)—–इस समझौते द्वारा कपड़ा और वस्त्र क्षेत्र का गैट(GATT) 1994 में एकीकरण है।यह चार चरण में होगा।
  4. ‌व्यपार और तकनीकी बाधाओ का समझौता(Agreements on Techincal Barriers Trade)— इस समझौते द्वारा यह प्रयास हुवा है कि तकनीकी विमर्श, मानक,परीक्षण प्रमाण प्रणालियाँ व्यापार में बाधा उत्पन्न नही करे।
  5. व्यापार सम्बन्धी निवेश उपाय के पहलू पर समझौता— यह 5 वर्ष में सभी व्यापार सम्बन्धी निवेश उपाय को हटाने का प्रावधान करता है। यह उपाय मात्रात्मक रुकावट और राष्ट्रीय व्यवहार तक सीमित है। निवेश क्षेत्र में रुकावट के विरुद्ध है।कच्चे माल , कल पुर्जो के मुक्त आयात की वकालत करता है।
  6. ‌बौद्धिक संपत्ति अधिकार के व्यापार सम्बन्धी पक्ष का समझौता(Agreements on Trade related Aspects of intelletual property Rights)—  TRIPS समझौते में 07 प्रकार की बौद्धिक संपत्ति शामिल हैं।–(¡) कॉपीराइट और उसका अधिकार ,(¡¡)ट्रेडमार्क ,(¡¡¡)भौगोलिक संकेत,(¡v) पेटेंट जिसमें सूक्ष्म जिवाणु तथा पौधा की विभिन्न जातियाँ आती हैं,(v) संघटित सर्किट और व्यपारिक रहस्य
  7. बहुपार्श्वि व्यपार समझौते(Plurilateral Trade Agreements)–इस समझौते में नागरिक विमानन व्यापार समझौते सरकारी खरीद का समझौता आदि शामिल है।
  8. ‌व्यापार नीति पुनरावलोकन तंत्र (Trade Policy Mechanism-TPRM)–बहुपक्षीय व्यापार तंत्र के सफल संचालन के लिए बहुपक्षीय और अनेक पक्षीय व्यापार समझौता के तहत व्यापार नीति और प्रक्रिया का पुनरवलोकन करता है

(मनीष कुमार स्टालिन)

Leave a Comment